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Showing posts from November, 2019

Yes! We are in 21st century

Yes! We are in 21st century (हां! हम 21वीं शताब्दी में हैं) 21वीं शताब्दी यह सुनकर ही ऐसा प्रतीत होता है कि समय के चक्र के साथ हम कितना आगे निकल गए हैं। अक्सर मैं अपने लेखों में शुरुवात में फ़ोटो का सहारा नही लेता हूँ परंतु, इस शब्द को जो ऊपर दिया है, गौर से समझने के लिए मुझे ऐसा करना पड़ा। इस फोटो को ध्यान से देखिए ओर गौर कीजिए इसके एक एक शब्द को। ये मात्र चन्द शब्द ही नही हैं अपितु 21वीं शताब्दी का पूरा लेखा झोखा है। और ताजुब की बात यह है कि इसके आखिर में हरे लेख में यह लिखा है and more   मतलब यह पूरा विवरण नही है इसका । इन शब्दों के आगे भी बहुत ओर शब्द हैं  जो 21वीं सदी को बयां करे। ध्यान देने योग्य बात यह है कि जैसे जैसे हम अपने कदमों को आने वाले वर्षों की तरफ बढा रहे हैं इन शब्दों की संख्या बढ़ती जा रही है। परंतु क्या हम वास्तविकता में इन शब्दों का मतलब समझ पाए हैं यह आवश्य एक चिंतनीय विषय है। मेरा यह कथन मात्र किसी नेता की पंक्ति नही है बल्कि अपने आप में अनेकों सवाल छुपाए हुए है। आगे जाने से पहले मैं आपका ध्यान कुछ दृश्यों की तरफ करना चाहूंगा। Adaptability, cr

Discovery of India by European युरोप द्वारा भारत की खोज

Discovery of India by European युरोप द्वारा भारत की खोज भारत यह मात्र एक देश नही है अपितु विभिन्न सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र है। यदि विश्व के नक्शे पर संस्कृति,धर्म व आर्थिक रूपांतरण को बयां किया जाए तो शायद ही कोई अन्य देश होगा जो भारत की बराबरी कर सके। जिस समय सम्पूर्ण यूरोप पर ब्रिटैन का व्यापारिक प्रभुत्व था व पुनर्जागरण का ताज ब्रिटैन के सिर की शोभा बढ़ा रहा था उस समय यूरोप का उसकी कामयाबी से जलना स्वाभाविक था। जलन कब प्रतिकार का रूप ले गई शायद समय को भी इसका आभास ना हुआ। वैज्ञानिक,आर्थिक रूपांतरण व पुनर्जागरण के इस दौर में बैंकरों , व्यापारियों द्वारा जब मध्य वर्ग का उदय हुआ तो धीरे धीरे ब्रिटैन के व्यापार को बढ़ावा मिला । इसी बढ़ते व्यापार के कारण यूरोप को भी आर्थिक समृधी की चाह हुई और व्यापारिक जगत में उसका आगमन हुआ। नए पैमानों, कम्पास , नक्शों का काम जब जोर पकड़ने लगा तो समुद्री जगत द्वारा व्यापार करने की इच्छाओं का जागना अवश्यम्भावी हो गया था। क्योंकि अरब द्वारा मिस्र व पर्शिया को जीत लिया गया था जिस कारण व्यापार मुसलिम राज्यों द्वारा शुरू हुआ , चूं

Your Memories (तुम्हारी यादें)

Your memories ( तुम्हारी यादें) ●ये लम्हे काटने दौड़ते हैं, जब यादें तुम्हारी दस्तक देती हैं। दिल उखड़ा सांसें भारी सी लगती हैं, जब दस्तक तुम्हारी यादें देती हैं।। ●यूँ तो पत्थर बन चुका हूं मैं इनदिनों, फिर भी नम आंखें हो जाती हैं, जब दस्तक तुम्हारी यादें देती हैं। ●तू सोया नींद के आहोश में वँहा, ओझल नींदें आंखों से यंहा रहती हैं, जब दस्तक तुम्हारी यादें देती हैं। ● एक घड़ी भी अरसे सी लगती है, जब दस्तक तुम्हारी यादें देती हैं। यूँ तो गौर करता नही में बीते कल पर, अरसे पुरानी बातें ताज़ी हो जाती हैं, जब दस्तक यादें तुम्हारी देती हैं। ●झुका नही कभी खुदा के सिवा कंही, गैरमौजूदगी तेरी मुझे ओकात दिखा देती है, जब दस्तक तुम्हारी यादें देती हैं। ● अक्सर खुद को नायाब बड़ा समझता मैं, तिजोरी खुशियों की खाली सी लगती है, जब दस्तक तुम्हारी यादें देती हैं। ●हां! गुमान करता हूँ मैं हाथों की लकीरों पर, पर अक्सर मुझे अपाहिज बना देती हैं, जब दस्तक तुम्हारी यादें देती हैं। For another poem click on link given below... “बेरंग समा" https://predatorash

Changing India or myth?

Changing India or myth भारत यह मात्र एक शब्द ही नही अपितु स्वयं में  बदलाव का एक जीता जागता सबुत है। सिंधु घाटी सभ्यता से शुरू होकर मुगल काल, ब्रिटश काल तदोपरांत आज का आदुनिक युग इस देश ने बेहद अलग बदलावों का सामना किया है। इसलिए इसे यदि बदलावों का अनुभवी भी कहें तो भी गलत नही होगा। सिंधु घाटी सभ्यता जो कि विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है इस बदलाव का मुख्य भाग है। यदि इसे भारत के बदलवा का आरंभिक चरण माने तो भी गलत नही होगा। भूमिगत निकासी , पानी का प्रबंध और भी अन्य कई उदाहरणों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आधुनिक युग की वैज्ञानिकता के पेड़ का बीज बहुत पहले बो चुका था। उस समय व्यक्ति को आगे बढ़ने की होड़ थी परंतु स्वार्थ का भाव मन में ना था। शायद तभी यह सभ्यता हर जगह समान रूप से विकसित हुई। आर्यों का आगमन भी इस देश के बदलावों के एक अंग रह चुका है। मध्य एशिया से आई इस नस्ल का प्रभाव आजतक देखने को मिलता है। धीरे धीरे जब सम्पूर्ण विश्व अपने वजूफ को पहचान रहा था भारत आकर्षण का एक ऐसा केंद्र बन गया जिसकी तरफ हर एक कोने से लोगो का आना शुरू हुआ। इस चेहरे को भला कोई कैसे भूल सक