Rape! what does the law say?? ( बलात्कार! क्या कहता है कानून??) नमस्कार आप सभी का इस ब्लॉग में। एक समय था जब महिलाओं को देवी स्वरूप पूजा जाता था,आज अखबार के पन्नों में इज़्ज़त का तार तार होना मानो आम बात हो गई है। यह ब्लॉग एक शर्मनाक कृत्य और उसके लिए दी गयी परिभाषा के विषय में है। जंहा एक ओर देश राम मंदिर, कश्मीर जैसे बड़े मुद्दों पर पार चुका है , निर्भया और न जाने कितनी निर्भयाओं के खून से सनी सड़कें यह ओकात दिखा देती है कि देश में महिला सुरक्षा किस कदर नाज़ुक-ए-सूरतेहाल में है साथ ही यह देश के एक वर्ग की तुच्छ मानसिकता को भी प्रदर्शित करती है। ‛बलात्कार' मात्र शब्द भर किसी की ज़िंदगी और मौत के बीच का फांसला बन जाता है। यदि मुगल काल और मुस्लिम राज्यों में सज़ाओं पर गौर की जाए तो शायद ही कोई ऐसी सज़ा होगी जो इस कूर कृत्य के लिए दी जाए। प्रश्न यह है कि किसी के जीवन की क्या कीमत लगा सकती है न्यायपालिका???? इस विषय पर ज्ञान के लिए आइए जान लें कि कानून के अंतर्गत इसकी परभाषा क्या है। हालांकि इस विषय मे फ़िल्म अभी हाली में बनी भी है। Section 373( सेक्शन375) भारतीय दंड संहित