AFTER ALONG TIME दुबारा उसी की तरफ बढ़ चला हूँ जिससे कभी या आज तक दूर भागता चला आ रहा था| आखिर भागता भी कन्हा और कितना because karma is bitch and earth is round in shape . रुख किया आज फिर उन्ही वादियों का जिनसे कभी मैं रुखसत होकर आया था | जैसे जैसे मैं आगे बढ़ रहा हूँ उसकी यादों का बोझ अपने सीने पर महसूस करते जा रहा हूँ | कुछ यादें किस तरह आपकी ज़िन्दगी को बदल देती हैं इसका अंदाज़ा आज मुझे पता चला | शय वो खूब कहा है किसी ने दिल्लगी अच्छी है साहब दिल पर लगी नही ! सोलन ३४ किलोमीटर जिस की बोर्ड पर लिखा मैंने पाया ओह बोर्ड मुझे किसी फंसी के फंदे की तरह लग्ग रहा था माने वह मेरा इंतज़ार कर रहा हो | सोलन से आती हर एक गाडी मुझे मेरी दोस्त और वंहा की तरफ जाती हर एक गाडी मुझे मेरी शत्रु लग रही थी | मेरा मन जोर जोर से चींख रहा था की काश ये ३४ किलोमीटर कभी खत्म ना हों | ये पहाड़ जिनका मैं कभी दीवाना हुआ करता था आज इन्हीं से भागने का जी मेरा करता है| मैं लगातार यह सोच रहा था की I DON'T WANNA FACE THIS SHIT AGAIN. आज मानो मेरी सारी हिम्मत मुझे जवाब दे रही हो|पर जाना तो है ही | एक लम्बे सफ़र